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हर दिन दम तोड़ रहीं 211 महिलाएं, पूनम पांडे की मौत भी शॉक दे गई, जानें क्यों सरकार की ये बजट वाली स्कीम ही बनेगी बेटियों का कवच


नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने इस बार के अंतरिम बजट में महिलाओं की सेहत को लेकर काफी ध्यान देने की बात कही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) को रोकने के लिए एक बड़ा ऐलान किया था। बजट भाषण के दौरान निर्मला ने घोषणा की कि देशभर में इसके लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाएगा। हाल के बरसों में सर्वाइकल कैंसर एक महामारी की तरह बढ़ रहा है। मशहूर मॉडल पूनम पांडे (Poonam Pandey Death) की सर्वाइकल कैंसर से मौत इस बीमारी के खतरे को बताने के लिए काफी है।

9-14 साल की लड़कियों को फ्री वैक्सीन

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि देशभर में 9-14 साल की लड़कियों को मुफ्त में HPV वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार मुख्य मकसद सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम करना है। उन्होंने कहा कि इस मिशन की शुरुआत मिशन इंद्रधनुष के जरिए किया जाएगा। सर्वाइकल कैंसर के कारण हर साल हजारों महिलाओं की जान जा रही है।

वैक्सीन से बचेगी जान

उल्लेखनीय है कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। अगर सही उम्र में इस वैक्सीन को लगवा लिया जाए तो इस गंभीर बीमारी को 98 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। यूट्रस के सर्विक्स में होता है। ये बीमारी कितना खतरनाक है ये आप इससे समझ सकते हैं कि इसके कोई लक्षण भी जल्दी नहीं दिखते हैं। बाद में केवल जांच पर ही इस बीमारी का पता चलता है। दुनिया के कई देशों में इस बीमारी से बचने के लिए मुफ्त वैक्सीन लगवाई जाती है।

मशहूर मॉडल की मौत

मशहूर मॉडल पूनम पांडे की मौत भी सर्वाइकल कैंसर की वजह से हुई है। वो महज 32 साल की थीं। इससे आप समझ सकते हैं कि ये बीमारी किसी भी उम्र में महिलाओं को जकड़ लेती है। अगर इस बीमारी से बचना है तो वैक्सीन ही एकमात्र उपाय है। ये महिलाओं में होने वाली दूसरा सबसे कॉमन कैंसर है। पहला ब्रेस्ट कैंसर है। पूनम की मौत इस खतरनाक बीमारी के प्रति अब लोगों को सोचने पर मजबूर करेगा। इस बीमारी के खतरनाक रूप को देखते हुए ही सरकार ने बच्चियों को इसकी वैक्सीन लगाने का फैसला किया है।

सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामले

महिलाओं के लिए दूसरी सबसे खतरनाक बीमारी सर्वाइकल कैंसर है। महिलाओं में हर तरह के कैंसर के करीब 18 प्रतिशत मामले सामने आते हैं। हर साल करीब 1 लाख 20 हजार नए मामले सर्वाइकल कैंसर के आते हैं। जिसमें 77 हजार से ज्यादा महिलाओं की मौत हो जाती है। यानी हर रोज करीब 211 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से जान गंवाती हैं। देश में सर्वाइकल कैंसर की जांच महज एक फीसदी महिलाएं कराती हैं। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि कम से कम 70 प्रतिशत महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की जांच होनी चाहिए।

टीका के लिए 9-14 साल की उम्र ही क्यों समझिए

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी का टीका बहुत असरदार है। यह खासकर 9 से 13 साल के बच्चियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यही वो उम्र होती है जब वो बड़ी हो रही होती हैं। हालांकि, 25 से 45 साल तक की महिलाओं को भी ये टीका लगवाया जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) भारत में महिलाओं में सबसे आम कैंसर और दुनिया भर में महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। यह मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के संक्रमण की वजह से होता है। सर्वाइकल कैंसर को रोकने के कई तरीके हैं। उनमें वैक्सीनेशसन सबसे ज्यादा कारगर है।

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