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क्या पत्नी का फोन कॉल रिकॉर्ड करना गैर-कानूनी है?

 


क्या कोई पति अपनी पत्नी की अनुमति के बिना उसकी फोन कॉल को रिकॉर्ड कर सकता है। पत्नी के फोन को रिकॉर्ड करना निजता के अधिकार का उल्लंघन है। इस बारे में आखिर कानून क्या कहता है। संविधान में इसको लेकर क्या प्रावधान है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर अहम फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने पति-पत्नी से जुड़े एक मामले में फैसला सुनाया कि किसी की अनुमति के बिना उसके फोन कॉल को रिकॉर्ड करना निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

अनुच्छेद 21 का उल्लंघन

हाई कोर्ट ने साफ कहा कि बिना किसी की अनुमति के उसका फोन कॉल को रिकॉर्ड नहीं किया जा सकता फिर चाहे वह पति या पत्नी ही क्यों ना हो। अदालत ने कहा कि यह संविधान के तहत अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। इस मामले में पति ने पत्नी के साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग को उसके (पत्नी के) खिलाफ फैमिली कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया था। इस पर पत्नी ने हाई कोर्ट का रुख किया था। पत्नी का कहना था कि यह उसकी निजता का उल्लंघन है।

क्या कहता है संविधान का अनुच्छेद 21

संविधान का अनुच्छेद 21 घोषित करता है कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपने जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं हो सकता है। यह अधिकार नागरिक और गैर-नागरिक दोनों के लिए उपलब्ध है। अनुच्छेद -21 में घोषणा की गई है कि किसी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जाएगा अन्यथा नहीं। अनुच्छेद 21 के तहत सिर्फ मनमानी कार्यकारी प्रक्रिया के विरुद्ध सुरक्षा उपलब्ध है न कि विधानमंडलीय प्रक्रिया के विरुद्ध भी सुरक्षा दी गई है। इसका मतलब यह है कि राज्य प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के अधिकार को कानूनी आधार पर रोक सकता है। इसका अर्थ है कि कानून की वैधता एवं उसकी व्यवस्था पर अकारण, अन्यायपूर्ण आधार पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता।

शादी से कॉल रिकॉर्ड का अधिकार नहीं मिल जाता

यह पहली बार नहीं है जब हाई कोर्ट ने पत्नी के संदर्भ में निजता के अधिकार के उल्लंघन को लेकर टिप्पणी की है। साल 2021 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भी पति-पत्नी के विवाद में निजता के अधिकार के उल्लंघन की बात कही थी। हाई कोर्ट ने साफ कहा था कि पत्नी के फोन को रिकॉर्ड करना निजता का हनन है। हाई कोर्ट ने इस मामले में साफ किया था कि शादी होने के बाद किसी की निजता का अधिकार छिन नहीं जाता है। ऐसा नहीं है कि आपने अगर शादी कर ली है तो आपको अपनी पत्नी की निजी बातों को रिकॉर्ड करने का अधिकार मिल जाता है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि पत्नी की जानकारी के बिना उसकी बातों को रिकॉर्ड करना निश्चित तौर पर निजता का हनन है। यह मामला मां-बांप के बीच एक 4 साल के बच्चे की कस्टडी से जुड़ा था।

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