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सैटेलाइट तस्वीरों में मिला सबूत, सीमा वार्ता के बावजूद चीन ने भूटान में बनाई चौकियां, बसाए गांव

 


भूटान और चीन के बीच औपचारिक रूप से सीमाएं तय करने के लिए जारी वार्ता के बावजूद चीन द्वारा भूटान के उत्तरी हिस्से की जकरलुंग घाटी में एकतरफ़ा निर्माण गतिविधियां जारी हैं.इस इलाके की सैटेलाइट तस्वीरों से, इनसे ज़्यादा साफ़ दिखने वाली तस्वीरें पहले कभी सामने नहीं आईं, लगता है कि संभवतः थिम्फू के पास इलाके में चीन की तरफ से पेश किए गए तथ्यों को कबूल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. यह इलाका अरुणाचल प्रदेश से सटी भूटान की पूर्वी सीमा से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर है.


यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़ (SOAS) में तिब्बती इतिहास के विशेषज्ञ प्रोफेसर रॉबर्ट बार्नेट का कहना है, "यह मामला है चीन द्वारा चरवाहों की प्रथाओं के आधार पर एक इलाके पर दावा ठोकने का, जो हालिया है, और पहले कभी ऐसा नहीं हुआ, और फिर एकतरफा तरीके से इलाके पर कब्ज़ा जमा लिया, और इसमें गांव, मिलिटरी बैरक और आउटपोस्ट बनानी शुरू कर दीं..."उन्होंने कहा, "जकरलुंग का जुड़ाव बेयुल खेनपाजोंग से है, जो भूटानियों के लिए अहम सांस्कृतिक और धार्मिक इलाका है... सो, यह मामला ऐसा है, जिसमें चीन ने हाल ही में एक ऐसे इलाके पर संदिग्ध रूप से दावा ठोका है, जिसका कम ताकतवर पड़ोसी के लिए बहुत सांस्कृतिक महत्व है, और वह यह भी जानता है कि पड़ोसी के पास प्रतिक्रिया के रूप में बेहद कम विकल्प हैं..."


Maxar से हासिल रिपोर्ट की तस्वीरों में दिखता है कि चीन ने कैसे दो ही साल में जकरलुंग घाटी में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. पिछले हफ़्ते 7 दिसंबर की तस्वीरों में कम से कम 129 इमारतों की तामीर देखी जा सकती है, जो रिहायशी क्वार्टर लगते हैं, और कुछ ही दूरी पर एक दूसरी बस्ती में कम से कम 62 इमारतें दिखाई दे रही हैं. इसी क्षेत्र की अगस्त, 2021 में क्लिक की गई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि इनमें से किसी इमारत का निर्माण नहीं हुआ था.


भूटान के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में चीन की घुसपैठ (और कब्ज़ों) के बारे में विस्तार से लिखते रहे डैमियन साइमन का कहना है, "इस निर्माण गतिविधि का स्तर ही यह बताने के लिए काफ़ी है कि ये गांव सिर्फ़ अलग-थलग पड़ी चौकियां नहीं हैं, बल्कि चीन की इलाकाई महत्वाकांक्षाओं को दर्शाने वाले व्यापक ईकोसिस्टम का अभिन्न हिस्सा हैं, और भूटानी धरती का चीनीकरण करने में योगदान दे रहे हैं..."


ये नई तस्वीरें उस वक्त सामने आई हैं, जब भूटान ने अपने इलाकों में चीन की घुसपैठ को हमेशा के लिए खत्म करने की कोशिशों के तहत चीन के साथ रिश्तों को बेहतर किया है. इसी साल अक्टूबर में भूटान के विदेशमंत्री टांडी दोरजी ने चीन की यात्रा की थी. इससे पहले भूटानी विदेशमंत्री कभी चीन नहीं गए थे. अक्टूबर में ही प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने समाचारपत्र 'द हिन्दू' से कहा था, "उम्मीद है, जल्द ही सीमा खींच दी जाएगी - इस तरफ भूटान, उस तरफ चीन... फिलहाल हमारे पास वह नहीं है..."

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