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बैंकों में जमकर मिल रहीं नौकरियां, टूट सकता है 10 साल का रिकॉर्ड-JOB


 बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) में नौकरियों की बहार आ गई है. कारोबार बढ़ने के चलते न केवल सरकारी बल्कि प्राइवेट बैंकों (Private Banks) ने जमकर नौकरियां दी हैं. आगे भी यही ट्रेंड देखने को मिलेगा क्योंकि बैंकिंग सेक्टर में हो रहे सुधार, आरबीआई की सख्ती और डिजिटलाइजेशन से बैंकों का कारोबार और तेजी से बढ़ेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में बैंकों ने लगभग 1.23 लाख लोगों को जॉब दिए. यह पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा था. इस दौरान प्राइवेट बैंकों ने सबसे ज्यादा नौकरियां बांटीं. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले वित्त वर्ष में बैंक और भी ज्यादा नौकरियां ऑफर करेंगे. 

निजी बैंकों ने दीं सबसे ज्यादा नौकरियां 

मेट्रो और बड़े शहरों में अपनी पकड़ बना चुके निजी बैंक अब टियर-3 और ग्रामीण इलाकों पर फोकस कर रहे हैं. इसलिए नई नौकरियां देने में निजी बैंक सबसे आगे रहे हैं. उन्होंने कस्टमर सुविधाओं, कर्ज, इंश्योरेंस और टेक्नोलॉजी सेगमेंट में सबसे ज्यादा जॉब दिए. प्राइवेट सेक्टर के एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, बंधन बैंक और एयू बैंक ने 2023 में अपनी विस्तार योजनाओं के चलते रोजाना सैकड़ों नौकरियां दीं. बैंकिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा नौकरियां वित्त वर्ष 2011 में मिली थीं. उस समय बैंकों में लगभग 1.25 लाख लोगों को जॉब मिले थे.  

बैंकों में 17 लाख से ज्यादा हैं कर्मचारी 

बैंकों में कुल नौकरियों की संख्या वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 में 7.4 फीसदी बढ़ गई. फिलहाल सरकारी और निजी बैंकों में लगभग 17 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. विशेषज्ञों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के अंत तक नई नौकरियों की संख्या 1.25 लाख के आंकड़े को आसानी से पार कर जाएगी. 

छोटे शहरों और गांवों में बिजनेस हथियाने की तैयारी 

निजी बैंक छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में कारोबार की बड़ी संभावनाएं देख रहे हैं. इन इलाकों में सिर्फ सरकारी बैंकों (Government Banks) के ऑप्शन ही उपलब्ध हैं. इसलिए नई भर्तियां कर निजी बैंक इन इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाहते हैं. साथ ही ये बैंक डिजिटल प्लेटफॉर्म मजबूत करने के अलावा ब्रांच बढ़ाने पर भी जोर दे रहे हैं. तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, रिटेल लोन और घरों की बढ़ती डिमांड ने भी नौकरियां बढ़ाने का माहौल बना दिया है. साथ ही बैंकों को पुराने कर्मचारी अपने साथ जोड़े रखने की मशक्कत भी करनी पड़ रही है.


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