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'मुझसे गंदे सवाल पूछे...', एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुई महुआ मोइत्रा ने पैनल पर लगाए आरोप


 ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले (Cash for Query Case)  में गुरुवार को लोकसभा आचार समिति के सामने पेश हुईं तृणमूल कांग्रेस (TMC)  सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) बैठक से अचानक बाहर आ गईं. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी पर भद्दे सवाल पूछने का आरोप लगाया. इस पर संसद की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि जवाब देने के बजाय, वह (महुआ मोइत्रा) गुस्से में आ गईं और सभापति और समिति के सदस्यों के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया.

विनोद सोनकर ने कहा कि दानिश अली, गिरधारी यादव और अन्य विपक्षी सांसदों ने समिति पर आरोप लगाने की कोशिश की और वॉकआउट कर गए… अब कमेटी बैठेगी और आगे की कार्रवाई तय करेगी…” दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे. इसके बाद महुआ मोइत्रा के ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले पर सवाल उठे थे. पत्र में आरोप लगाया गया था कि मोइत्रा ने अडानी समूह को टारगेट करने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली थी.

कांग्रेस सांसद ने बताया कि कमेटी ने महुआ से फोन रिकॉर्ड मांगा

कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी ने यह भी कहा कि ‘पूरे सवालों से ऐसा लगता है कि वह (संसदीय आचार समिति के अध्यक्ष) किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं. यह बहुत बुरा है. दो दिनों से हम उनसे कुछ बातें पूछ रहे हैं…वे उनसे (महुआ मोइत्रा) पूछ रहे हैं कि आप कहां यात्रा कर रही हैं? आप कहां मिल रहे हैं? क्या आप हमें अपना फ़ोन रिकॉर्ड दे सकते हैं?…किसी भी नकद हस्तांतरण का कोई सबूत नहीं है…” बैठक में मौजूद जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद गिरिधारी यादव ने कहा, ‘उन्होंने महुआ मोइत्रा से पर्सनल सवाल पूछे. उन्हें व्यक्तिगत सवाल पूछने का अधिकार नहीं है, इसलिए हम बाहर आ गए.’

व्यक्तिगत मुलाकात से पहले मोहुआ का पत्र

31 अक्टूबर को लिखे गए पत्र को साझा करते हुए, मोइत्रा ने बुधवार को कहा था: “चूंकि एथिक्स कमेटी ने मीडिया को मेरा समन जारी करना उचित समझा, इसलिए मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि मैं भी कल की सुनवाई से पहले समिति को अपना पत्र जारी करूं.” पत्र में मोइत्रा ने कहा कि वह 2 नवंबर को पैनल के सामने पेश होंगी और अपने खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी की शिकायत को खारिज कर देंगी.


महुआ मोइत्रा ने जनता के सामने एक गलत नैरेटिव बनाने का प्रयास किया

TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे ‘कैश फॉर क्वेरी’ के आरोप पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का कहना है कि उन्होंने (महुआ मोइत्रा) जनता के सामने एक गलत नैरेटिव बनाने का प्रयास किया… वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि अनुसूचित जाति का एक व्यक्ति (विनोद सोनकर) आचार समिति का अध्यक्ष कैसे बन गया और वे उनके खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं.’

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