Top News

ड्रैगन ने फुफकारा तो कुचल जाएगा फन, अमेरिका से किलर ड्रोन खरीदने की डील पर बातचीत तेज - Killer Drone


नई दिल्ली:
चीन ने कुछ साल पहले भारत को सीमा पर ललकार करके बड़ी आफत मोल ले ली। भारत ने ठान लिया है कि ड्रैगन ने आगे कभी फुफकारने की कोशिश की तो उसका फन कुचल दिया जाएगा। इसी सोच से भारत सरकार ने अमेरिका से 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदने के लिए एक ऐतिहासिक सौदे को अंतिम रूप देने की कोशिशें तेज कर दी हैं। वहीं, दोनों देशों के बीच सरकार के स्तर पर इस डील को अगले कुछ हफ्तों में ही अमेरिकी कांग्रेस से भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। मामले से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी। जब अमेरिका रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जनरल एटॉमिक्स (GA) से ड्रोन के अधिग्रहण के लिए भारत के अनुरोध पत्र (एलओआर) का जवाब देगा तो दोनों देशों के अधिकारी ड्रोन डील पर अंतिम दौर की वार्ता करेंगे।

एलएसी पर चीन को सबक सिखाएगा भारत

भारत अपने सशस्त्र बलों, खासकर चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी तक मार करने वाले 'हंटर-किलर' ड्रोन खरीद रहा है। हालांकि ड्रोन की कीमत पर बातचीत के दौरान अंतिम रूप दिया जाएगा, लेकिन अनुमान है कि खरीद पर करीब 3 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च होंगे। सरकारी सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली और वॉशिंगटन ड्रोन डील को अंतिम रूप देने के लिए अपनी-अपनी टीमों को तैनात करेंगे, जिसमें लागत और अन्य बारीकियों को अंतिम रूप देना शामिल है।

जीई बनाती है किलर ड्रोन

उन्होंने कहा कि बातचीत का लक्ष्य अगले साल मार्च तक सौदे को अंतिम रूप देना है। उन्होंने कहा कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत, समझौता भारत सरकार और अमेरिकी अधिकारियों के बीच होगा और पेंटागन भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकता के बारे में जनरल इलेक्ट्रिक को अवगत कराएगा। यह समझा जाता है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई बातचीत के दौरान भारत की तरफ से प्रस्तावित ड्रोन की खरीद का मुद्दा उठा था।

अमेरिकी रक्षा मंत्री ने तब कही थी यह बात

यह पूछे जाने पर कि खरीद को कब अंतिम रूप दिया जाएगा, ऑस्टिन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि इसकी घोषणा सही समय पर की जाएगी। उन्होंने कहा, 'आप जानते हैं हम सही समय पर (डील) की घोषणा करेंगे। मुझे लगता है कि सरकार, सरकारी अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि वह क्षमता... आपको (भारत को) वह क्षमता जल्द से जल्द हासिल हो।'

तीनों सेनाओं के मिलेंगे अमेरिकी ड्रोन

जून में दोनों पक्ष एक समझौते पर भी पहुंचे, जिसके तहत अमेरिकी एयरोस्पेस प्रमुख जनरल इलेक्ट्रिक भारत में भारतीय सैन्य विमानों के लिए जेट इंजन बनाने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ साझेदारी करेगा। तीनों सेनाओं के लिए सी गार्जियन ड्रोन खरीदे जा रहे हैं क्योंकि वे कई तरह की भूमिका निभा सकते हैं, जिसमें समुद्री निगरानी, पनडुब्बी रोधी युद्ध और क्षितिज से परे लक्ष्यीकरण शामिल है।

दुश्मनों के छक्के छुड़ाएंगे प्रिडेटर ड्रोन

नौसेना को जहां 15 सी गार्जियन ड्रोन मिलेंगे, वहीं भारतीय वायु सेना और सेना को आठ-आठ स्काई गार्जियन ड्रोन मिलेंगे। ऊंचाई वाले लंबी दूरी तक मार करने वाले ड्रोन 35 घंटे से अधिक समय तक हवा में रहने में सक्षम हैं और चार हेलफायर मिसाइल और लगभग 450 किलोग्राम बम ले जा सकते हैं। 2020 में भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में निगरानी के लिए एक साल की अवधि के लिए जनरल एटॉमिक्स से दो MQ-9B सी गार्जियन ड्रोन किराए पर लिए थे। पट्टे की अवधि को बाद में बढ़ा दिया गया है।

Previous Post Next Post