Top News

'प्लानिंग के तहत हुई हिंसा, पेट्रोल बमों से टीम पर किया गया हमला', हल्द्वानी में मचे हड़कंप का डीएम ने खोला राजhaldwani-violence

 


उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में फैली हिंसा की वजह से शहर का माहौल तनावपूर्ण है. नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने हल्द्वानी हिंसा पर कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही हल्द्वानी के अलग-अलग हिस्सों में एक्शन लिया गया. उन्होंने बताया कि हल्द्वानी में हुई हिंसा प्लानिंग के तहत हुई. टीम पर हमले के लिए पहले से ही पत्थर रखे गए थे. हिंसा की वजह से शहर में कर्फ्यू लगाया गया है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती भी की गई है.


नैनीताल डीएम ने कहा है, 'हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई है. सभी को नोटिस और सुनवाई का समय दिया गया. कुछ लोग हाईकोर्ट गए, जबकि कुछ को समय मिला और कुछ को नहीं.' उन्होंने बताया, 'जहां समय नहीं दिया गया, वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई. ये इकलौती घटना नहीं थी और किसी विशेष संपत्ति को निशाना बनाने से काम नहीं किया गया.'

वीडियो दिखाकर डीएम ने कहा- किसी को भड़काया नहीं गया

डीएम वंदना सिंह ने शुक्रवार (9 फरवरी) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हल्द्वानी में हुई हिंसा की जानकारी दी. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले एक वीडियो दिखाया. इसके बाद उन्होंने कहा कि वीडियो में आप सभी लोग देख सकते हैं कि पुलिस फोर्स या प्रशासन ने किसी को भड़काने का काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया गया. इसके बाद भी कार्रवाई के लिए पहुंची नगर निगम और पुलिस-प्रशासन की टीम पर हमला किया गया. 

धार्मिक संरचना के तौर पर रजिस्टर्ड नहीं था मदरसा-मस्जिद

हल्द्वानी के जिस बनभूलपुरा इलाके में अवैध रूप से बने हुए मदरसे और मस्जिद को गिराया गया, उसे लेकर डीएम ने कहा, 'ये एक खाली संपत्ति थी, जिस पर दो इमारतें बनी हुई थीं. इन्हें कहीं पर भी धार्मिक संरचना के तौर पर रजिस्टर्ड नहीं किया गया था और न ही इन्हें इस तरह की कोई मान्यता मिली हुई थी.'

उन्होंने बताया, 'कुछ लोग इन्हें मदरसा और नमाज स्थल कहते हैं. कागजों में ये जगह मलिक के बगीचे के तौर पर नहीं, बल्कि नगर निगम की संपत्ति के तौर पर दर्ज है. लोग इसे मलिक के बगीचे के तौर पर जानते हैं.' डीएम ने बताया कि इन इमारतों पर नोटिस लगाया गया था और उन्हें तीन दिनों के भीतर खाली करने का आदेश दिया गया था. 

संपत्ति पर नहीं थी रोक, तभी हुआ एक्शन: डीएम

डीएम ने आगे बताया, 'संपत्तियों पर किसी तरह कोई रोक नहीं थी, जिसके बाद हमने तोड़फोड़ अभियान जारी रखने का फैसला किया. अलग-अलग जगहों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया गया. हमारी टीम और मशीनें वहां पहुंचीं और किसी को भी उकसाया या नुकसान नहीं पहुंचाया गया.' 

Previous Post Next Post