वाहन में फास्टैग लगाने के बाद भी टोल प्लाजा पर आप पर पेनाल्टी लग सकती है. हालांकि यह सुनने पर बड़ा ही अजीब लगा रहा है लेकिन सच है. कुछ वाहन चालकों को फास्टैग लगाने के बाद पेनाल्टी देनी पड़ी है. लोगों ने इसकी शिकायत की. नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने जांच कराई तो वजह सामने आयी. इसके बाद एनएचएआई ने वाहन चालकों से इस तरह की गलती न करने की अपील की है.
यह समस्या उन वाहन चालकों को आ रही है, जो कभी कभार ही हाईवे पर वाहन लेकर जाते हैं. और जब पहले गए होंगे तो टोल कैश में दिया होगा.लेकिन फरवरी 2021 के बाद से जब से फास्टैग अनिवार्य हुआ है, तब से फास्टैग वाहन में लगे होने के बाद भी पेनाल्टी देनी पड़ रही है. वाहन चालक इसे लेकर टोल कर्मियों से झगड़ा तक कर डालते हैं. टोल कर्मी भी इसकी वजह नहीं बता पाते हैं.
आप भी जानें वजह
सड़क परिवहन मंत्रालय ने फास्टैग की शुरुआत वर्ष 2016 नवंबर से की थी. इस माह के बाद नए वाहनों में फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया था. यानी नवंबर से प्रत्येक वाहन पर शोरूम द्वारा फास्टैग लगा कर दिया जा रहा है. लेकिन फास्टैग से पहला ट्रांजेक्शन दिसंबर में शुरू किया गया था. यानी अगर आपने नवंबर 2016 में गाड़ी खरीदी है तो आपका गाड़ी में लगा फास्टैग टोल प्लाजा में काम नहीं करेगा है. अब आपको इसे बदलना होगा.
अगर आपके फास्टैग में बैलेंस है तो यह करें
वाहन चालकों को पुराने फास्टैग को हटा कर नया ले लेना चाहिए. लेकिन अगर फास्टैग बैंक अकाउंट से लिंक है या फास्टैग में रुपये हैं तो आपको संबंधित बैंक जाना चाहिए और वहां दूसरा फास्टैग लेकर वाहन में लगाना चाहिए. पुराने फास्टैग में बचे हुए रुपये नए फास्टैग में ट्रांसफर करा लेना चाहिए.
मौजूदा समय 2000 टोल प्लाजा में फास्टैग सुविधा
मौजूदा समय देशभर के हाईवे और राज्य हाईवे मिलाकर 2000 टोल प्लाजा में फास्टैग की सुविधा शुरू हो चुकी है. इसके अलावा तमाम जगहों पर पार्किंग का भुगतान भी फास्टैग से हो रहा है. देश में मौजूदा समय 6.5 करोड़ से अधिक फास्टैग जारी हो चुके हैं.