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पहाड़ों पर आड़ी-तिरछी रोड क्यों बनाई जाती हैं, सीधी सड़क क्यों नहीं बनाते? शायद ही कोई जानता होगा सही जवाब!

 


ठंड का मौसम हो या फिर गर्मी का, लोगों को पहाड़ों पर जाने में बहुत आनंद आता है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य हमेशा ही आबाद रहते हैं. पहाड़ पर जाने में सिर्फ एक समस्या होती है, वो है यहां की सड़कें जो टेढ़ी-मेढ़ी होती हैं. इस वजह से यहां ड्राइविंग करना काफी कठिन होता है. बहुत से लोग यहां पर कार-बाइक नहीं चला पाते. कई लोगों को तो पहाड़ों के सर्पीले रास्ते पर उल्टी जैसा भी महसूस होता है. ऐसे में लोगों के मन में ये ख्याल तो जरूर आता होगा कि आखिर पहाड़ों के रास्ते आड़े-तिरछे क्यों होते हैं, सीधे क्यों नहीं? (Why mountain roads are curved) चलिए पता करते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है.


अजब-गजब नॉलेज के तहत हम आपके लिए लेकर आते हैं देश-दुनिया से जुड़ी अनोखी जानकारियां जो किसी को भी हैरान कर सकती हैं. आज हम आपको ऐसी ही एक जानकारी के बारे में बताने जा रहे हैं. पहाड़ों पर आड़ी-तिरछी (Why roads on mountains are curved not straight) रोड क्यों होती हैं, सीधी क्यों नहीं. दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कोरा पर हाल ही में किसी ने इस सवाल को उठाया. कई लोगों ने इसका उत्तर दिया है. चलिए देखते हैं कि लोगों ने इसके बारे में क्या कहा.

कोरा पर लोगों ने दिया जवाब

अनुज जायसवाल नाम के यूजर ने लिखा- “सड़कों को डिजाइन करते समय, झुकाव का एक विशिष्ट प्रतिशत होता है, जिसका डिजाइनर पालन करते हैं ताकि झुकाव प्रतिशत अधिक होने की वजह से दुर्घटना न हो. यह प्रतिशत एक देश से दूसरे देश में भिन्न हो सकता है. उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में, झुकाव अनुपात 6% से अधिक नहीं होना चाहिए. सड़क की ऊंचाई से उसकी लंबाई तक और इस अनुपात को प्राप्त करने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में, सड़क डिजाइनरों को उन क्षेत्रों की प्राकृतिक रेखाओं के साथ तालमेल रखना बहुत जरूरी होता है. इस प्रकार सड़के ज़िगज़ैग होती चली जाती हैं. अगर आप इस बात को नहीं समझे तो आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर हम पहाड़ के किसी ऊंचे से नीचे भाग की ओर सड़क बनाते हैं तो हम एकदम से तिरछी सड़क नहीं बनाएंगे, हम उसे टेढ़ी-मेढ़ी करते हुए धीरे-धीरे नीचे की ओर बनाएंगे.” लूका गुआला नाम के एक यूजर ने इसे समझाने के लिए अच्छा उदाहरण दिया है. उन्होंने बताया कि पुराने समय में किसी पहाड़ी रास्ते पर रोड बनाने के लिए गधों का इस्तेमाल किया जाता था. गधे पर सामान लादकर उसे पहाड़ पर ऊपर चढ़ाया जाता था. तब वो सीधा रास्ता ना लेकर, गोल-गोल घूमते हुए जाता था क्योंकि वो चढ़ाई का आसान मार्ग होता था. बस उसके चले हुए मार्ग पर रास्ता बनाने का काम किया जाता था. जिस जगह से वो मुड़कर ऊपर बढ़ता था, उस जगह पर रोड को मोड़ दिया जाता था.

सड़कें क्यों होती हैं टेढ़ी-मेढ़ी

सिविल एंजीकॉन नाम की वेबसाइट के अनुसार अगर पहाड़ों पर बनी सड़कें सीधी होंगी तो उसकी ढलान पर ड्राइवर अपनी गाड़ी का कंट्रोल खो बैठेगा जिसकी वजह से वो हादसे का शिकार हो सकता है. सड़क पर बना मोड़ गाड़ियों को धीरे करने में मदद करता है, जिससे हादसा नहीं होता. पहाड़ों पर अगर सीधी ढलान होगी तो रोड धसक सकती है, या फिर बारिश से सड़कें बह सकती हैं, मगर टेढ़ी-मेढ़ी सड़कें होने की वजह से ऐसी चीजों की समस्या नहीं होती.

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