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जंग के बीच इजरायल कर रहा कामगारों की तलाश, भारत के साथ चल रही बातचीत

 


इजरायल-हमास जंग के बीच इजरायल ने गाजा के नागरिकों को अपने देश में काम करने की परमिट देने पर रोक लगा दिया है. इजरायल की कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री ने सरकार से 90 हजार फिलिस्तीनियों की जगह पर 1 लाख भारतीय कामगारों की भर्ती की इजाजत मांगी हैं. 

वेस्ट बैंक की वॉयस ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट में इजरायल बिल्डर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हैम फीग्लिन ने कहा, "हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं. हमें अपने प्रस्तावों की मंजूरी के लिए इजरायली सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि इजरायल को सुचारू ढंग से चलाने के लिए भारत से 50 हजार से एक लाख श्रमिकों लाए जाने की जरूरत है."

इसी साल मई में इजरायल ने भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया जिसके तहत 42 हजार भारतीयों को इजरायल में काम करने की इजाजत दी गई.

इजरायल के कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 25 प्रतिशत फिलिस्तीनी

रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल के कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 25 प्रतिशत फिलिस्तीनियों की मदद ली जाती है. इसमें 10 प्रतिशत कामगार गाजा इलाके से आते हैं. हैम फीग्लिन ने कहा, "हम जंग के बीच फंसे हैं और फिलिस्तीनी नागरिक कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 25 फीसदी का योगदान देते हैं. जंग की शुरूआत के बाद से उन्हें देश में काम करने की इजाजत नहीं है."

गरीबी और लाचारी में जी रहे गाजा के लोग

जंग से पहले गाजा के 18 हजार नागरिकों को इजरायल में छोटे-मोटे काम करने की इजाजत दी गई थी. गाजा में बेरोजगारी दर 50 फीसदी है. गाजा के लोगों में इजरायल में काम करने के लिए परमिट के लिए काफी मशक्कत करते हैं. इजरायल के द्वारा गाजा के नागरिकों को दिए जाने वाले परमिट के लेकर माना गया कि इससे गाजा में गरीबी और लाचारी के हालात में कुछ स्थिरता आई थी.

गाजावासियों के परमिट रद्द किए जाने के बाद से वहां के लोग अधर में फंसे हुए हैं.   


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